Sangya kise kahate hain : दोस्तों! व्याकरण हिंदी का एक ऐसा महत्वपूर्ण भाग है, जिसके बारे में सभी को ज्ञान होना आवश्यक है चाहे वह प्राथमिक विद्यालय का विद्यार्थी हो अथवा किसी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाला परीक्षार्थी।
आज के समय में पुस्तकों या इंटरनेट पर भी संज्ञा के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध है लेकिन संज्ञा को बेहतर तरीके से समझने के लिए यह आवश्यक है कि आपके पास सटीक जानकारी हो।
तो दोस्तों हम आपको इसलिए के माध्यम से Sangya kise kahate hain एवं इसके कुछ महत्वपूर्ण बातें जैसे संज्ञा की परिभाषा क्या है, संज्ञा के कितने भेद है?, संज्ञा एवं उसके भेदों की परिभाषा के साथ उनके उदाहरण आदि के बारे में बात करने वाले हैं।
विषय सूची -
संज्ञा की परिभाषा क्या है? ( Sangya kise kahate hain )
संज्ञा: किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान अथवा भाव आदि के नाम के स्वरूप को संज्ञा कहते हैं। जैसे- पशु, पक्षी, मानव, श्याम, दिल्ली, आम, मिठाई, गाय, दादा-दादी, सुरेश, रमेश, किताब, कलम हंसना, रोना, गाना, सुंदर, साफ-सुथरा, भागना, मारना, पीटना इत्यादि।
• श्याम खाना खाने जा रहा है, यहां श्याम व्यक्ति का नाम है।
• इस अमरूद में बहुत मिठास है, अमरूस फल का नाम है।
• घोड़ा मैदान में दौड़ रहा है, घोड़ा एक जानवर का नाम है।
• चिड़ियां आकाश में उड़ रही है, चिड़ियां एक पक्षी का नाम है।
• आगरा में ताजमहल स्थित है, यहां ताजमहल एक स्थान का नाम है।

संज्ञा के भेद
संज्ञा के पांच भेद हैं, जो निम्नलिखित हैं-
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
2. जातिवाचक संज्ञा
3. भाववाचक संज्ञा
4. समुदाय वाचक या समूहवाचक संज्ञा
5. द्रव्यवाचक संज्ञा
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा-
जिस संज्ञा शब्द से किसी विशेष व्यक्ति, विषय, वस्तु और विशेष स्थान का पता चलता हो, उस संज्ञा शब्द को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
अर्थात जिस संज्ञा शब्द से किसी खास व्यक्ति, वस्तु का पता चले जो कि अपने आप में विशिष्ट हो यानी अपने जैसे एकमात्र हो , उन शब्दों को ही व्यक्तिवाचक संज्ञा शब्द आते हैं।
जैसे – स्थान: मुंबई, दिल्ली, गोवा, चेन्नई, अमृतसर इत्यादि।
• व्यक्ति: महात्मा गांधी, भगत सिंह, सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी इत्यादि।
• दिल्ली – दिल्ली एक राज्य का नाम है परंतु पूरा देश नहीं है,तो यह एक व्यक्ति वाचक संज्ञा है।
• ब्लैक बोर्ड – ब्लैक बोर्ड एक पढ़ने का साधन है परंतु पूरा सिक्षा नहीं तो यह एक व्यक्तिवाचक संज्ञा है।
2. जातिवाचक संज्ञा –
जिस शब्द से किसी जाति का सम्पूर्ण बोध होता हो या उसकी पूरी श्रेणी, वर्ग की जानकारी मिलती हो, उस संज्ञा शब्द को जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे- वस्तु : लड़का, लड़की, नदी, पर्वत, मोटरसाइकिल, कार, वस्तु, टीवी और मोबाइल इत्यादि।
स्थान: पहाड़, तलाव, गांव, मन्दिर आदि।
प्राणी: लड़का, लड़की, घोड़ा, बिल्ली आदि।
पुस्तक: रामायण, महाभारत, रामचरितमानस, ऋग्वेद, सामवेद, अथर्व वेद, यजुर्वेद इत्यादि।
3. भाववाचक संज्ञा-
जिस शब्द से किसी वस्तु, पदार्थ अथवा प्राणी की स्थिति एवं दशा और भाव का पता चलता हो, उसे संज्ञा शब्द का भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे – गर्मी, सर्दी, खटास, मिठास, जवान, बुढ़ापा, थकान, ताजगी इत्यादि।
मिठास- मिठास एक गुण है।
मोटापा – मोटापा एक अवस्था हैं।
जवानी – जवानी जीवन का एक अवस्था हैं।
4. समुदाय वाचक या समूह वाचक संज्ञा-
जो शब्द किसी विशिष्ट या एक ही वस्तु का समूह या एक ही जाति, वर्ण एवं वर्ग के समूह को दर्शाता है। उस संज्ञा शब्द को समुदाय वाचक या समूहवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे : गेंहू की ढेर, लकड़ी की गट्ठर, विद्यार्थियों का समूह, आम का गुच्छा।
यहां देखा जा सकता है कि ढेर, गट्ठर, समूह, गुच्छा और समूह शब्द प्रत्यक्ष रूप से किसी व्यक्ति, वस्तु अथवा जाति के समूह दिखाई दे रहे हैं। यह समूहवाचक संज्ञा के अंतर्गत आते हैं।
जैसे : सेना, पुस्तकालय, झुंड और सभा इत्यादि।
पुलिस – पुलिस एक समूह को दर्शाता है। इसलिए एक समूहवाचक संज्ञा है।
पुस्तकालय – पुस्तकालय अनेक पुस्तकों का समूह है इसलिए एक समूहवाचक संज्ञा है।
दल- दल अनेक लोगों को मिलाकर बनता है इसलिए यह समूहवाचक संज्ञा है।
5. द्रव्यवाचक संज्ञा-
संज्ञा शब्द से किसी धातु अथवा द्रव्य पदार्थ का बोध होता है उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहा जाता है।
जैसे – गेहूं, धान, दाल, तेल, सोना, चांदी, पानी, दूध, दही, लोहा और तांबा इत्यादि।
रोटी – रोटी एक खाने की सामग्री है।
दही- दही एक खाने की सामग्री है।
समोसा – समोसा एक खाने की समाग्री है।
चांदी – आभूषण के लिए एक पदार्थ और धातु है।
लोहा – लोहा एक धातु है।

संज्ञा की पहचान कैसे की जा सकती है?
संज्ञा की पहचान की निम्नलिखित लक्षणों के आधार पर जा सकती है:
• प्राणी वाचक संज्ञा शब्द:
लड़का, लड़की, गाय, शेर, मायावती, राहुल, मोर, पक्षी इत्यादि।
• अप्राणी वाचक संज्ञा शब्द:
मकान, पर्वत, महल, हिमालय, स्कूल, नदी, सेव, अंगूर, आम, बैंच, बोर्ड इत्यादि।
कुछ शब्दों को हम गिन सकते हैं और कुछ शब्दों को नहीं। इसके आधार पर गणनीए और अगणनीए संज्ञा शब्दों में बांटा गया है।
• गणनीए संज्ञा शब्द:
गणनीए संज्ञा शब्द वे संज्ञा शब्द होते हैं, जिनकी गन्ना हम कर सकते हैं।
जैसे: हाथी, घोड़ा, टेबल, बोर्ड, बच्चे, आम, अंगूर, साइकिल, गाड़ी, बस, जहाज इत्यादि।
• अगनणीय संज्ञा शब्द:
अगनणीय संज्ञा शब्द वे संज्ञा शब्द होते हैं, जिसकी गन्ना हम नहीं कर सकते हैं।
जैसे: दूध, पानी, तेल, पेट्रोल, मोबिल, सोना, चांदी, प्यार, नफरत, गुस्सा, हंसना, रोना, गाना और पीना इत्यादि।
संज्ञा अंग के भेदों के उदाहरण:-
” सेव” में मिठास है। = सेव फल का नाम है।
“कुत्ता” भौंक रहा है। = कुत्ता एक जानवर का नाम है।
कुछ शब्द ऐसे होते हैं जिनमें एक साथ दो संज्ञा मानी जाती है। संज्ञा भेद उसके वाक्य कार्य पर निर्भर करता है। जैसे –
• कोयल आठवीं में पढ़ती है। – व्यक्तिवचक संज्ञा
• भारत में अनेक प्रकार के खेल खेले जाते हैं। – जातिवाचक संज्ञा।
निष्कर्ष ( Conclusion )
दोस्तों हम आशा करते हैं कि आपको Sangya kise kahate hain संज्ञा के प्रकार संज्ञा के उदाहरण से जुड़ी जानकारी पसंद आई होगी क्योंकि हमने इसमें संज्ञा से संबंधित सभी सटीक जानकारियों से आपको अवगत करवाया है।
इसके माध्यम से आप संज्ञा के पूरे पाठ्यक्रम का अध्ययन कर सकते हैं। यहां हमने संज्ञा की परिभाषा के साथ-साथ इसके सभी भेदों एवं उनकी परिभाषा का वर्णन किया है, जिसके माध्यम से आपको संज्ञा समझने में आसानी होगी।
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